तो लिंक शेयर नहीं किया लाता रजी बिस्मिल्ला रहमान रहीम जमात अहमदिया बेल्जियम की मजलिस सेहत का यह वेबीनार हम शुरू करते हैं तिलावत कुराने करीम से जिसके लिए मैं दावत दूंगा अजजम अब्दुल सानी साहब [संगीत] को बिला मन शता रम बिस्मिल्लाह रहमान [संगीत] रहीम वली कुली विज हु [संगीत] मुलिया फतल नमा तकला
जमी इल्लाला कुल्ली श क [संगीत] वता फली वजह मसज वला म रब व मल्ला ब [संगीत] फमल है अर अ [संगीत] अभी नया का उर्दू तर्जुमा बयान फरम ह मसीरा पेश खिदमत है अल्लाह के नाम के साथ जो बेइंतहा रहम करने वाला बिन मांगे देने
वाला और बार-बार रहम करने वाला है और हर एक के लिए एक मुतमईन नजर है जिसकी तरफ वह मुंह फेरता है बस नेकियों में एक दूसरे पर सबक ले जाओ तुम जहां कहीं भी होगे अल्लाह तुम्हें इकट्ठा करके ले आएगा यकीनन अल्लाह हर चीज पर जिसे वह चाहे दामी कुदरत रखने वाला
है और जहां कहीं से भी तू निकले अपनी तवज्जो मस्जिद हराम की तरफ फेर और यकीनन वह तेरे रब की तरफ से हक है और अल्लाह उससे गाफिल नहीं जो तुम करते हो और जहां कहीं से भी तू निकले अपनी तवज्जो मस्जिदे हराम ही की तरफ फेर और जहां कहीं भी तुम
हो उसी की जानिब अपनी तवज्जो फेरो ताकि लोगों के लिए तुम्हारे खिलाफ कोई हुज्जत ना हो ना बने सवाय उनके जिन्होंने उनमें से उन उनमें से जुल्म किए बस उनसे ना डरो बल्कि मुझसे डरो और ताकि मैं अपनी नेमत को तुम पर पूरा करू और ताकि तुम हिदायत पा जाओ [संगीत]
जजाक रम बिस्मिल्ला रहमान रहीम आपको मजलिस से से कुछ लोगों को तारुफ होगा और कुछ अब आपको को शायद ना पता हो मदरसे सेत बजल ताला खिलाफत अहमदिया की रहनुमाई में बहुत से मुल्कों में कायम है तो जली तंजीम में भी सेहत के जात है लेकिन जमात के प्लेटफार्म से भी एक मजलिस
सत का अमल है जमात मेंबरानस का ख्याल रखना और ऐसे स्टेप्स उठाना तो जैसा कि हमें अंबिया की जिंदगी से भी मालूम होता है कि वो ना सिर्फ इल्मी और रूहानी मैदान में बड़ी मशक्कत करते हैं उसकी तैयारी रखते हैं बल्कि उसके लिए अपने जिस्म और सेहत का भी ख्याल रखते हैं
और इसकी बेहद मिसाले मौजूद है कि रस सलम की जिंदगी में खाने से लेकर सोना और वर्जिश और हर चीज में एक बैलेंस मौजूद है और व बैलेस सेहत का नाम है तो हज मसी म सलाम की जिंदगी में भी हम देखते हैं के आपका भी नींद तो बहुत ही कम थी इस्लाम
के मजादा और जो आपको पेश थे वह इंसान के लिए तसवर करना भी बड़ा मुश्किल है और फिर आपकी सर का और वर्जिश का जिक्र मिलता है और बड़े जो खाना खाते भी थे बड़ा मुनासिब तो ख अदियत ने अब बाब जमात की रूहानी और अखलाकी तरबियत और नशमा के साथ-साथ उनकी
जिस्मानी और जहनी सलाहियत को उजागर करने के लिए ना सिर्फ अपना आला जाती नमूना पेश किया बल्कि बड़ी मसर तहरीक प्रोग्रामों से भी नवाजा अलुला ह खलीफ मसी अव्वल रजला ताला अ की तराकी और घोड़ सवारी ह खलीफ मसी सानी मुस्लिम मद रज अल्ला ताला अन की
किश्ती रानी परिंदों का शिकार और सुब गिरफ्तारी से चलना ह खलीफ सालि रला ताला का बास्केट बॉल किश्ती रानी और घोड़ सवारी खैल रहमान का कयाम ह खलीफ ल मसी राबे रहम ताला का कबड्डी सर और देर खेलों से गैर मामूली दिलचस्पी नीज हजरत खलीफ मसील खामस अला ताला बजज का भी मुख्तलिफ
खेलों से जाती दिलचस्पी और सरपरस्ती हम सबके लिए मसले रा है ह खलीफ मसी रला ताला और ह लील मसी राबे रला ताला ने मदल सत के क्याम और राज मकास को बड़ी तफसील से बयान किया है आजत मिनस ने मार्च 1972 के तालीम इस्लाम कॉलेज की सालना खेलों की खतामी तकरीब में
फरमाया इस्लाम हमें कवि और अमीन देखना चाहता है यानी जिस्मानी लिहाज से हम मजबूत जिस्म के मालिक हो और खलाक लिहाज से आला किरदार के हाम हो जिसम इंसानी मजबूती की मजबूती एक हद तक खलाक पर भी असर अंदाज होती है इसलिए इस्लाम जिस्मानी वर्जिश को
भी जरूरी करार देता है ताकि खुदा ताला की दी हुई नेमतों और नामात के हकीकी रंग में हम अमीन बन सके जो अमानत के रंग में हमें हमें अता हुई है तो आपने फरमाया कि अहले रब्बा पर भी यह जिम्मेदारी आयद होती है कि व मुनम होकर
वर्जिश जिस्मानी का एहतमाम करें ताकि खुदा की नजर में वह कवी और अमीन बने और अपने वतन की हिफाजत और इत काम के लिए बे खुश सलूब के साथ फराय सर अंजाम दे सके आप फरमाया इसीलिए आज मैं सारे रवा को एक मजलिस से मुंस करने का ऐलान करता हूं इस
मजलिस का नाम मजलिस सेहत होगा इसके लिए जुमला इंतजा मात आप लोगों ने खुद अंजाम देने हैं इस सिलसिले में कमेटी की कायम की जाएगी जिसमें दो नुमाइंदे तालीम उल इस्लाम कॉलेज के दो तालीम उल इस्लाम हाई स्कूल के दो जाम अहमदिया के दो खुदा मल अहमदिया दो
अनसार के नुमाइंदे होंगे इसके अलावा इस कमेटी का एक सदर होगा र रवा के तमाम बाशिंदों के लिए खेलों वर्जिश जिस्मानी का इंतजाम करना और इसके लिए ग्राउंड मुहैया करना भी इस कमेटी की जिम्मेदारी होगी और इसे हर माह किसी ना किसी खेल का टूर्नामेंट जरूर मुनक करना
चाहिए ताकि सबकी दिलचस्पी कायम रहे जब टूर्नामेंट होंगे तो बाहर से मेहमान भी आएंगे इसलिए मेजबानी के फराइज भी यही कमेटी सर अंजाम देगी और यह नहीं हो सका हो के बाज लोग इस आज खुद हमारे इल्म में लाए बगैर खेलों का इंतजाम शुरू कर दें और फिर
यह तवको भी रखें कि हम उनकी मदद करें बस ये मजलिस कोयर हवा में होने वाली तमाम खेलों के लिए एक मरकज कमेटी होगी जिसकी मंजूरी हर खेल और टूर्नामेंट के लिए जरूरी होगी इस किताब के आखिर में ूर ने फरमाया के रवा के हर शख्स को इसका मेंबर बनना
चाहिए और इसके अराज और मकास पूरे करने की कोशिश करनी चाहिए आप में से हर एक का फर्ज है कि इसके उदार को मशवरा दें और हर उदार का यह हक है आपसे मशवरा लेकर इस कबूल इसे कबूल या मुसद करना भी इख्तियार में होगा
और मशवरा देने वाले का फर्ज है कि वह बहरहाल इता का नमूना दिखावे तो मैंने मुख सर ये बहुत तफसील के साथ इसका ढांचा स्ट्रक्चर इसकी हिदायत है तो आज हमारा यही मकसद था कि हाल ही में हमने बेल्जियम में भी बेशक हमारी जमात अभी बड़ी
यंग है और छोटी है फिर भी इस को मद्देनजर रखते हुए हुजूर से मंजूरी ली इस मजलिस के कयाम के बेलज में भी तो इसमें हमारे मुकर्रम महमद कुरेशी साहब इस मदरस सेहत के सदर के तौर पर मंजूरी अता फरमाई है तो अब मैं उनसे दरखास्त करता हूं कि वह मदरसे से
मुतालिक जो मजीद प्रेजेंटेशन के रंग में अहबाब की खिदमत में पेश करें कि यह मजलिस क्या है और बेशक अभी यह डिवेलप हो रही है ताकि अब आपको पता हो कि यह इसका ढांचा क्या है और इसके क्या मकास है ताकि इंशाल्लाह हम भी
उस आला मकास की तरफ गाम जन हो सके जो बहुत सी दूसरी जमात काम कर रही है प्लीज मतरम साब इस दफा बेल्जियम की हिस्ट्री में पहली दफा यह वाली जो शोबा है इसका मुकत हुआ ूर की तरफ से मंजूरी आई है तो खाक सर को यह खिदमत
करने का मौका मिला तो अब मैं आपके सामने एक प्रेजेंटेशन पेश करूंगा जो मजलिस सेह से रिलेटेड है सबसे पहले जो जरूरी है कि वई हेल्थ मैटर्स असल में बात यह है कि अगर हमारी सेहत अच्छी नहीं होगी तो हमारे लिए जिंदगी में काफी सारी मुश्किलात भी आ सकती हैं
अगर इंसान की सेहत अच्छी होती है तो इससे यह है कि उसकी जो डेली एक्टिविटीज है ना वो भी वो आसानी से कर सकता है ठीक है उसके बाद फिर जो मेंटल हेल्थ है अब मेंटल हेल्थ इससे क्या फायदा होता है क्योंकि जब आप एक्टिविटीज करते हैं आपकी अगर आप कोई
एक्सरसाइज करते हैं कोई फिटनेस करते हैं तो इससे आपको स्ट्रेस भी कम होती है इससे आपकी जो मेंटल हेल्थ है उस पर भी पॉजिटिव असर पड़ता है फिर उसके बाद लविली है लोटी क्या होता है लोटी यह होता है कि अगर आप एक्सरसाइज करते हैं जो डाटा है और वो यही
बताता है कि जब अगर आप एक्सरसाइज करते हैं तो आपकी उम्र भी लंबी होती है और आपको स्ट्रेस भी कम होती है तो यह जो लोटी है यह भी उसी चीज का हिस्सा है फिर है एक क्वालिटी ऑफ लाइफ अब क्वालिटी ऑफ लाइफ क्या होती है क्वालिटी ऑफ लाइफ यह होती है
कि अगर आप करते हैं तो आपकी जो सेहत है ना वो भी अच्छी रहती है मसलन अगर आप एक्सरसाइज रहते हैं आप फिट भी रहते हैं आपको अच्छी नींद भी आती है और कोई भी मुश्किल काम हो आप वो कर सकते हैं आपको इस
तरह जो स्ट्रेस है ना वो बहुत कम होती है फिर है एज [संगीत] एप्रोप्रियेट हम बास कात अ हेल्थी जो खाना होता है वो हम उसको प्रोवाइड नहीं करते मसलन हम उनको चॉकलेट दे देंगे या बर्गर दे देंगे तो हमें कोशिश करनी चाहिए ठीक है उनको बच्चों का शौक होता है लेकिन उनको
इतने ज्यादा नहीं देने चाहिए कि जिससे उनकी हेल्थ पे नुकसान हो मसलन आप उनको वेजिटेबल्स वगैरह दे सकते हैं आप उनको फ्रूट्स वगैरह दे सकते हैं आप इसके अलावा जो लीन प्रोटीन है आप उनको वो दे सकते हैं इनके लिए फिर एक फिजिकल एक्टिविटी भी होती
है फिजिकल एक्टिविटी कम से कम जो साइंस बताती है कि एक जो बच्चा है उसकी कम से कम एक घंटे की फिजिकल एक्टिविटी होनी चाहिए जब वो इस एज ग्रुप में है 7 से 12 साल की ठीक है फिर उसके बाद ये स्क्रीन टाइम एक स्क्रीन टाइम जो है स्क्रीन टाइम वो बहुत
ही आजकल ज्यादा हो रहा है अगर आप एवरेज देखें तो तीन से चार घंटे स्क्रीन टाइम है मसलन अगर बच्चा 3:00 बजे छुट्टी होती है 315 बजे छुट्टी होती है घर आता है तो वो आराम से तीन या चार घंटे वो स्क्रीन टाइम प उसका स्क्रीन टाइम होता है तो हमें
कोशिश करनी चाहिए खासतौर प मां-बाप को कि आप उनका जो स्क्रीन टाइम है ना वो कम करें आप ज्यादा ना करें क्योंकि किसी ना किसी तरीके से आप उनको कोई ना कोई एक्टिविटी करते रहे ताकि इस तरह यह होगा कि उनका जो स्क्रीन है ना वो कम हो जाएगा अब जो अगला
एज ग्रुप है वो है 13 से 18 साल का अब जो 13 से 18 साल के हैं वो बनस्पति जो यंग बच्चे होते हैं सात से 13 से उनसे यंग होते हैं अब उनकी जो फिजिकल एक्टिविटीज है उनकी जो न्यूट्रिशन है उनका जो खाना है या उनकी जो हेल्थी हैबिट्स है वो थोड़ी
मुख्तलिफ होती है क्योंकि एज के साथ आप थोड़े से मैच्योर भी हो जाते हैं तो इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि उनका जो रेगुलर मील्स है वो पोशन के हिसाब से होना चाहिए फैट डाइट उसका भी ध्यान रखना चाहिए और उस वक्त उनके जो मसल्स हो रहे होते हैं ना वो
डेवलप हो र होते है उनका भी ख्याल ना चाहिए फिजिकल एक्टिविटी उनको आप किसी क्लब में डाल सकते हैं अब बेल्जियम में ये है कि अगर आप जो भी बच्चा 18 साल से नीचे है अगर आप वो किसी भी क्लब में आपने हिस्सा लिया हुआ है तो आपको जो म्यूचल होती है
आपको उनसे भी कुछ रिफंड मिल जाता है और आपकी जो लोकल जो स्टड या आपकी कम्यून होती है उनसे भी आपको थोड़ा सा उनको थोड़े से आपको वहां से भी पैसे मिल जाते हैं ताकि यह होता है कि आपके जो खराज जात है वो कम हो जाते हैं फिर उनकी
एक हेल्थी हैबिट्स होनी चाहिए क्योंकि ये जो 13 से 18 साल है अगर इन इस एज ग्रुप में अगर इंसान को या बच्चों को अच्छी आदत पड़ जाए मसलन अपनी हाइजीन का ख्याल रखें और अपनी सेहत का ख्याल रखें तो वो आगे जाकर उनको काफी फायदा मंद होती है फिर
अगला जो एज ग्रुप है वह 19 से 50 साल का है अब 19 जो 50 साल है उनको भी अपनी जो अपनी जो हेल्थ है उसका भी ख्यार रना होता है क्योंकि ज्यादा उनको जो अपना वेट नहीं गेन करना चाहिए उनको कि अपनी कोशिश खाना अच्छा खाना चाहिए
रात को लेट ना खाए 7:00 बजे 800 बजे के बाद इससे इसके बाद ना खाए अगर आपने कुछ खाना है तो आप दूध पी ले या आप फ्रूट वगैरह खा ले लेकिन ये जो हमारी जो रोटियां हैं चावल है ये इन चीजों से थोड़ा दूर ही
रहे ठीक है आप पाच छ सात बजे तक खा ले लेकिन उसके बाद कोशिश किया करें कि ना खाया करें क्योंकि उससे वो डाइजेस्ट करने में कम से कम दो से तीन घंटे लेता है जिस्म तो वो अगर आप खाएंगे रात को 10:00 बजे तो वो डाइजेस्ट कैसे करेगा तो उसको
कोशिश करनी य चाहिए कि कम से कम हमें खाना ना खाएं अगर जरूरी है तो मजबूरी है तो वो अलहदा बात है लेकिन अपनी हेल्थ का ख्याल रखना चाहिए इस तरह फिर जो फिजिकल एक्टिविटी है वो भी कम से कम हफ्ते में वो कहते हैं कि 150 मिनट होने चाहिए लेकिन अब
देख ले हम कितना करते हैं अगर आप रोजाना पाच से 10 मिनट वॉक कर ल तो मेरे ख्याल से वो भी काफी बेहतर है और फिर एक प्रीवेंटिव केयर होता है वो होता है कि आपको जो स्ट्रेस होती है वो बहुत इंपोर्टेंट होती है कि आपको अपने स्ट्रेस अपने कम से कम आप
अपने मेंटल हेल्थ पे हो या आपकी सेहत पर हो क्योंकि स्ट्रेस से आपको डिप्रेशन भी हो सकता है काफी सारी मसले होते हैं तो इन चीजों का ख्याल रखने के लिए आपको हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम ज्यादा से ज्यादा किसी ना किसी तरीके से अपनी एक्सरसाइज
करें अब जो अगली अगला जो ग्रुप है वो 50 से 51 से 70 साल का है वो जरा जो बुजुर्ग लोग होते हैं वो वाला ग्रुप होता है उनमें कोशिश करनी चाहिए कि आपके कैल्शियम इनफ होना चाहिए विटामिन डी होना चाहिए क्योंकि विटामिन डी जो है वो बोन के लिए बहुत
हड्डियों के लिए बहुत जरूरी है फिर इसके अलावा फिजिकल एक्टिविटी फिजिकल एक्टिविटी उस उम्र में थोड़ी इंसान की कम होती है लेकिन अगर कम से कम अगर आप वॉक कर ले तो यह भी काफी अच्छा होता है अगर आप मसलन खाना खाते हैं खाना के बाद आप आधा घंटा
वॉक कर ले आजकल तो अब मौसम भी ठीक होने वाला है तो हम यह भी कर सकते हैं बाकी क्रॉनिक डिजीज मैनेजमेंट है वो भी इससे हो जाती है यह मैं स्किप करता हूं अब आगे है एक्सरसाइज एंड वेदर इन बेल्जियम कि बेल्जियम में वेदर के हिसाब से आप कौन सी
एक्सरसाइज कर सकते हैं मसलन अब रेनी वेदर है या कोल्ड वेदर है तो आप इनडोर एक्सरसाइज कर सकते हैं ठीक है योगा आप कर सकते हैं इनडोर अगर आपके पास साइकलिंग है अगर आप वो करते सकते हैं तो आपको लिमिटेड जब बारिश होती है या मौसम खराब होता है
फिर लिमिटेड स्पेस होती है फिर आपको सारी चीजें घर में ही करनी पड़ती है ऑनलाइन वर्कआउट भी आप youtube0 सारी एक्टिविटीज हम कर सकते हैं असल बात ये है कि हमारे अंदर मोटिवेशन होना चाहिए और एक सेल्फ डिसिप्लिन होना चाहिए यह बहुत जरूरी है अगर यह हमारे अंदर
नहीं होगा तो हमें फिर मोटिवेशन की भी जरूरत पड़ती है तो आप टीम स्पोर्ट्स भी कर सकते हैं मसलन आपके दोस्त हैं आपके इग के हमसाए हैं अगर आप उनसे सा दोस्ती अच्छी है तो आप उनके साथ भी बाहर जाके सॉकर खेल सकते हैं यानी फुटबॉल खेल सकते हैं
बास्केटबॉल है तो यह चीजें आजकल काफी पेडल टेनिस भी आजकल चला हुआ है तो वो भी लोग काफी खेल रहे हैं तो यह है उसके अलावा खैर वटर स्पोर्ट्स है वो तो मुश्किल है ठीक है अब जो अ वेदर कंसीडरेशन है अ क्योंकि होता यह है कि हम एक्सरसाइज तो करते हैं
गर्मियों में लेकिन एक ना टेंपरेचर हाइड्रेशन और सन प्रोटेक्शन ये जो तीन चीजें हैं ना ये भी बहुत जरूरी है अब मेरा एक कलीग था वो मैराथन करता था तो उसने मुझे बताया था कहता है अगर टेंपरेचर 18 से कम और 22 से ज्यादा होता ना तो हम मैराथन
नहीं करते थे तो मैंने कहा वो क्यों कहता वो इसलिए कहता है कि जब 18 से कम होता था तो हमें थोड़ी सी सर्दी फील होती थी और से ज्यादा होता था तो हमें गर्मी फील होती थी तो इसलिए य था कि हमें पानी जदा ज्यादा
पीना पड़ता था जिससे हमें क्या नाम है भागने में मुश्किल होती थी और ये कहता था कि जब हम नाथन करते शुरू करने से पहले हम एक जो चम्मच होता है उसका टीस्पून हाफ छोटा वो उसके नमक भी खाया करते थे साथ पानी पिया करते थे क्योंकि कता जब हम
जोगिंग करते थे तो या मैराथन करते थे तो हमारा नमक जो है ना वो काफी खारिज होता था और हमें कोशिश करनी चाहिए कि डेट रहे गर्मियों में क्योंकि हमें पानी काफी पीना चाहिए क्यों 70 पर जो इंसान के जि समय है वो इंसान पानी से ही है तो पानी की कमी
नहीं हो चाहिए क्योंकि पानी से ना इंसान को क्रैंप्स भी पड़ते हैं यानी आपको खलिया भी पड़ जाती है जब आप भाग रहे होते हैं फुटबॉल आप देखते हैं या क्रिकेट आप देखते हैं जिनको क्रैम्स पड़ जाते हैं वो इस वजह से भी होता है कि उनका जो वो हाइड्रेटेड
नहीं होते बाकी सन प्रोटेक्शन है ठीक है आप अपने आप को सूरज से भी बचा के रखें दूसरा यह है कि बॉडी वेट एक्सरसाइज बॉडी वेट के एक्सरसाइज ठीक है कईयों को होता हैं कि उनके मसल वगैरह स्ट्रंग होते हैं अगर उन्होंने हैवी करनी है तो आप वह भी कर
सकते हैं लेकिन अ हैवी अ या मैं उसके बारे में कुछ नहीं कहूंगा ठीक है और दूसरा यह है कि एग्जांपल अगर आपने घर में करनी है आप बॉडी वेट आप स्कट्स कर सकते हैं लचेस कर सकते हैं पुशअप्स कर सकते हैं सेट अप्स कर सकते हैं
प्लांस कर सकते हैं ये सारी चीजें हम इंसान जो है घर में कर सकते हैं आजकल सिर्फ हर चीज अवेलेबल है सिर्फ इंसान की जो मोटिवेशन है ना वो अ उसकी कमी है तो बाकी कि मोटिवेशन का भी आगे मैं जिक्र करूंगा कि व हम कैसे कर सकते हैं और
वर्कआउट की जो रूटीन है ना वो इंसान को बनानी चाहिए अगर आप देखें आपका बच्चा या बच्ची किसी भी क्लब में अ अ स्पोर्ट्स करते हैं किसी भी क्लब में उने दखला लिया हुआ है तो उनका होता ये है कि वीक में दो दफा उनकी ट्रेनिंग होती है और वीकेंड पे
एक मैच होता है तो अगर आप वीक में दो दफा ट्रेनिंग करते हैं तो मेरे ख्याल से यह आपकी बॉडी के लिए बहुत अच्छा है आप रोजाना ना करें अगर आप नहीं कर सकते लेकिन मिनिमम हफ्ते में दो दफा आप कर लें तो काफी उसका फायदा हो जाता है
फिर उसके बाद एक्सरसाइज एट होम है कार्डियोवैस्कुलर के बारे में है अब इंडोर है आप कार्डियो कर सकते हैं जंपिंग जैक्स है हाई नीज है बपस है ये सारी वो चीजें हैं फिर एक वर्कआउट है जो हाई इंटेंसिटी का होता है ये हर एक के लिए नहीं होता य
हाई इंटेंसिटी आप जो लोग रेगुलरली करते रहते हैं पिछले 5 साल 10 साल से उनके लिए काफी बेहतर है लेकिन होता यह है कि जितने भी एक्सपर्ट है वो हर दो साल बाद एक नया फिटनेस वाला प्रोग्राम निकालते हैं वो कहते हैं ये अच्छा है फिर दो साल बाद
कहते हैं फिर ये अच्छा नहीं है फिर दो साल बाद निकालते हैं फिर कहते हैं वो अच्छा नहीं है तो असल में बात ये है कि आप इंसान का सबसे अच्छा और बेहतर जो डॉक्टर होता है ना वो इंसान अपना खुद होता है कि इंसान को
पता होता है कि मेरे मेरा जिस्म कैसे बिहेव करता है और मेरा जिस्म कितनी बर्दाश्त कर सकता है तो वो आपको खुद देखना पड़ेगा बाकी उसके बाद फ्लेक्सिबल एंड मोबिलिटी है ठीक है स्ट्रेचिंग जो है आप वो भी कर सकते हैं स्ट्रेचिंग में आप फ्लेक्सिबल हो सकती है क्योंकि स्ट्रेचिंग
से ये होता है कि आपकी जो इंजरी होती है ना वो प्रिवेंट होती है आपने देखा होगा के जो प्रोफेशनल लोग होते हैं या फुटबॉलर होते हैं या क्रिकेटर्स होते हैं जब वो मैच खेल लेते हैं उसके बाद वो स्ट्रेचिंग करते हैं वो इसलिए ताकि इस तरह ये होता है
कि आपके जो मसल्स होते हैं ना वो कांटेक्ट नहीं होते और इस तरह फिर आप इन चीजों से बचे रहते हैं फिर उसके बाद योगा भी है पिलेटस भी है लेकिन योगा आप घर में कर सकते हैं क्योंकि देखें अगर हम योगा को अगर आप दूसरे तरीके से देखें अगर हम नमाज
पढ़े और रुक रुक के और लंबी नमाज पढ़े हमारे रुकू लंबे हो हमारे सुजूद लंबे हो तो वो भी उसमें भी एक योगा हो सकता है तो हमें कोशिश करनी चाहिए कि सबसे पहले तो इंसान की जो सहत है ना वो अच्छी होनी चाहिए और इंसान को थोड़ी फिटनेस करनी
चाहिए ताकि ये है कि फिर आप रात को उठ के तहज्जुद भी पढ़ सकते हैं क्योंकि इंसान अगर फिट होता है तो इंसान जि जिस्मानी तौर पर फिट होता है मेंटली तौर प फिट होता है तो यह सारी चीजें करने के लिए फिर आपको कुर्बानी करनी होती है तो नींद की
कुर्बानी करनी होती है तो यह सारी चीजें अल्टीमेटली है यह कि इंसान को फिट होना चाहिए जब इंसान फिट होता है तो फिर इंसान की बॉडी सही तरह काम करती है और इंसान मेंटली तौर पर भी फिट रहता है बाकी इसके बाद है गोइंग टू फिटनेस सेंटर आप फिटनेस
सेंटर में भी जा सकते हैं डिपेंड करता है कौन कितना शौक है जिसको कई लोग हैं कई यंग हैं जिनको मैं जानता हूं जो जाते हैं और कई जाते हैं महीने में एक दफा जाते हैं कई जाते हैं साल में एक दफा जाते हैं और फिर
साल में एक दफा जाते हैं और फिर उनका मसल वगैरह भी पुल हो जाता है तो काफी सारे लोगों के पैसे भी आए होते हैं उन्होंने बेसिक फिट के साथ या जितने भी जिम्स वर उनके साथ कांट्रैक्ट किया होता है अनम की होती है लेकिन वो फिर जाते नहीं है और फिर
उनके फालतू में महीने के 20 30 रो चलते जाते हैं अकाउंट्स में विड्रॉ होते रते हैं उसके अलावा फिर ग्रुप फिटनेस है ग्रुप फिटनेस भी होती है अगर आप बेसिक फट में जाते हैं आप ग्रुप फिटनेस भी कर सकते हैं या अगर आपके दोस्त या आपके हमसाय हैं आप
उनके साथ करना है आप उनके साथ भी कर सकते हैं तो बाकी यह है कि मोटिवेशन और अकाउंटेबिलिटी मोटिवेशन आपको या तो मोटिवेशन आपको मिलती है या तो आपको खुद मिल सकती है ठीक है जो वो सबसे मुश्किल काम है लेकिन उसके अलावा यह है कि अगर आपका जो एनवायरमेंट है ना वो
अगर अच्छा होगा आपके दोस्त अच्छे होंगे आपकी सोसाइटी अच्छी होगी तो वो फिर आपको मोटिवेट भी कर सती लेकिन डिपेंड करता है कि आपकी सोसाइटी कैसी है फिर उसके बाद है पर्सनल ट्रेनिंग लेकिन पर्सनल ट्रेनिंग आप वन टू वन वो भी करवा सकते हैं लेकिन वो जब
आप बहुत हाई लेवल के होते हैं इसको मैं स्किप करता हूं फिर उसके बाद है गोइंग टू फिटनेस सेंटर नंबर फोर है सोशल इंटरेक्शन उसके अंदर कम्युनिटी एटमॉस्फेयर है स्पोर्ट नेटवर्क है सपोर्ट वही नेटवर्क की मैंने बात की आपकी जो सोसाइटी है उस परे डिपेंड करता है कि आपकी सोसाइटी कैसी है
फिर उसके बाद है इंपोर्टेंस ऑफ रेगुलर फिजिकल एक्टिविटीज नंबर वन पे जो है कार्डियोवैस्कुलर वेट मैनेजमेंट बोन हेल्थ इम्यून फंक्शन ये सारी वो चीजें कि अगर हम इंसान अपना डिसिप्लिन हो सेल्फ डिसिप्लिन हो एक्सरसाइज करे फिटनेस करे तो ये सारी चीजें उसम अंदर रती है फिर है कि नंबर टू
है मेंटल हेल्थ बेनिफिट इसका फायदा यह होता है कि जब आप ज्यादा एक्सज करते हैं यानी थोड़ी सी भी एक्सरसाइज करें आपका ये है कि जो आपकी स्ट्रेस है वो रिड्यूस होती है सबसे इंसान की एक दफ मैं पढ़ रहा था एक जगह में पढ़ रहा था वो कह रहा था कि
जो 70 पर इंसान के अंदर जो बीमारी होती है उसके लाइफ स्टाइल से होती है तो अगर आपका लाइफ स्टाइल अच्छा हो गया तो आपकी बीमारियां कम होती है बाकी जो बीमारियां वो कुछ हालात की वजह से आ जाती है या बाकी जो फैक्टर्स होते हैं उनकी वजह से आ जाती
है एक जो सबसे जरूरी चीज है वो स्लीप क्वालिटी है आजकल हमारी जो स्लीप क्वालिटी है या जो हमारा स्लीपिंग टाइम है वो बहुत कम है जब तक हमारे फोन पे जब तब तक हमारे चेहरे प हमारा फोन नहीं ना गिरता रात को लेटे लेते तब तक हम सोते नहीं है तो इंसान
कहता है कि मुझे कुछ नहीं मुझे कुछ नहीं लेकिन वो होता ये है कि जब उसकी जो जो स्लीप है जब उसकी जो नींद है वो अगर पूरे टाइम पर मिनिमम सात से आठ घंटे नहीं होती आप अगले दिन फ्रेश नहीं होते ये मैंने खुद
जाती भी तजुर्बा करके देखा है कि ऐसे था कि मेरे साथ के अगले दिन मैं ज्यादा फ्रेश नहीं होता था तो मैंने कहा क्यों नहीं होता फिर मैंने कहा चलो मैं अपना जो स्लीप जो मेरा सोने का टाइम है वो एक घंटा बढ़ा के देखता हूं जब मैंने एक घंटा बढ़ाया तो
अल्हम्दुलिल्लाह सब कुछ ठीक हो गया तो ये स्लीप क्वालिटी बहुत जरूरी है और आजकल के जो यंग है ठीक है उनके पास हर जगह वाईफाई या 4जी डाटा अवेलेबल है तो कोशिश उनको ये करनी चाहिए कि आपका आपके अंदर बिना सेल्फ डिसिप्लिन होना चाहिए कि कोशिश करनी चाहिए
कि आपका स्क्रीन टाइम कम हो और रात को जल्दी सोए तो मैं इसको स्किप करता हूं आगे मैं ठीक है मेंटल हेल्थ एंड वेल बीइंग उस परे चले जाता हूं बेस्ट फूड इन समर अ बस मेरी दो तीन स्लाइड रह गई है बेस्ट फूड इन समर अ अब
समर आ रहा है तो हमें कोशिश करनी चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा वो वाले वेजिटेबल्स और वो वाले हम फल खाए जिनके अंदर ज्यादा पानी होता है मसलन खीरा है वाटरमेलन है योगर्ट है ये भी सेहत के लिए बहुत अच्छा है ये चीजें हमें ज्यादा खानी चाहिए दूसरा कि
पानी जो है पानी की भी जरूरत होती है पानी भी हमें काफी पीना चाहिए ताकि सही होता है कि इंसान की सर्कुलेशन भी ठीक होती है और इंसान डिहाइड्रेटेड नहीं होता बाकी य अब आ गई है हाउ टू गेट मोटिवेशन ठीक है मोटिवेशन यह है व्हेन यू हैव अ ड्रीम यू
हैव गट टू ग्रब इट एंड नेवर लेट इट गो ठीक है और फिर किसी और ने भी कहा नथिंग इ इ इंपॉसिबल द वर्ड इट सेल्फ सेज आई एम पॉसिबल तो मोटिवेशन आपको खुद करनी पड़ेगी या आप किसी से इंस्पायर होकर भी कर सकते
हैं ठीक है अब हमारे आप खलीफा को देख ले हमारे खलीफा जो है हजूर तीन से चार घंटे सोते हैं तो बाकी वो पूरी दुनिया के लिए दुआए करते रहते हैं तो अगर हमने किसी को देखना होता है किसी इंस्पायर होना होता है तो हमारे लिए सबसे बड़ी जो है वो हमारे
खलीफा है और हमारी खिलाफत है कि हम उनसे ये चीज सीख सकते हैं देर इज नथिंग इंपॉसिबल ू टू दे हु विल ट्राई तो जो लोग ट्राई करते हैं उनके लिए कोई चीज इंपॉसिबल नहीं होती जब हम ट्राई नहीं करते तो फिर हमारे लिए हर चीज इंपॉसिबल ही होती है
दूसरा यह है कि मोटि से लीड बाय एग्जांपल आ हाईलाइट द बेनिफिट्स है सेट रियलिस्टिक गोल्स है ठीक है और चैलेंज लिमिट बिलीव्स है और बाकी जो फैक्टर्स एंड हैबिट्स दैट कैन हैव नेगेटिव इफेक्ट्स ऑन योर बॉडी पुर डाइट पुर डाइट की वजह से आपकी हेल्थ पे
असर पड़ता है स्मोकिंग एंड टोबैको यूज उससे आपकी हेल्थ पर असर पड़ता है नेगेटिव सारे हैं एनवायरमेंटल टॉक्सिन ये है आपकी सोसाइटी कैसी होती है उस पर आपको डिपेंड करता है फिर इग्नो ंग मेडिकल एडवाइस ये भी एक बहुत जरूरी है क्योंकि हमारे जो बुजुर्ग होते हैं वो कहते हैं डॉक्टर ने
कोई चीज लिख के दी है प्रिसक्राइब करके दी हमने दवाई नहीं खानी तो इससे भी बहुत नुकसान होता है एक स्ट्रेस है तो स्ट्रेस से भी बहुत नुकसान होता है एक लैक ऑफ स्लीप है उससे भी जब होता है आपको नुकसान होता है आखिर में यह है कि व्ट कुरान सेज
अबाउट हेल्थ ठीक है तो अलामिया ने सूरत अल रफ आयत 32 में फरमाया है तर्जुमा पढ़ता हूं के ए इब्ने आदम हर मस्जिद में अपनी जीनत साथ लेकर जाया करो और खाओ और पियो लेकिन हाथ से तजावल ना करो यकीनन वो हथ से तजावल को पसंद नहीं करता तो कई लोग होते
हैं कि व कहते हैं जी अगर सब्जी बकी है तो उसके अंदर साथ गोश्त भी होना चाहिए गोश्त नहीं होगा तो मैं नहीं खाऊंगा तो ये हमें इतना इतना स्ट्रिक्ट नहीं होना चाहिए इन चीजों के बारे में क्योंकि बगैर गोश्त के भी सब्जी खाई जा सकती है और ज्यादा नहीं
खाना चाहिए क्योंकि कहते हैं ना कि वो लोगों का पेट तो फुल हो जाता है लेकिन नियत फुल नहीं होती तो इन चीजों का भी हमें ध्यान रखना चाहिए और प्रोफेट मोहम्मद पीस बी अपन म रसम ने इसके बारे में क्या फरमाया हजूर ने भी यह फरमाया है
के वकिंग वाज समवन वकिंग ए कमन प्रैक्टिस ऑफ प्रोफेट मोहम्मद पीस बी अपन हिम एंड ही एंकरेज इट एस वेल ही इज नोन टू हैव वक एट ब्रिस्क पेस च मॉडर्न स्टडी सजेस्ट टट कैन बी बेनिफिशियल फॉर हेल्थ वकिंग टू द मस्क फॉर प्रेयर स्पेशली इ बोथ फिजिकल एक्टिविटी एंड स्पिरिचुअल प्रैक्टिस शोइंग
द इंटीग्रेशन ऑफ फिजिकल हेल्थ एंड फेथ अब यह है कि जो जो लोग मस्जिद के पास रहते हैं वह वक करके जब नमाज पढ़ने जा सकते हैं यह भी एक आपकी हेल्थ के लिए काफी बेहतर हो सकता है इस तरह आपकी जो फिजिकल हेल्थ है और जो स्पिरिचुअल है वह दोनों इनक्रीस होती
है और इसके बारे में मैं सिर्फ अब आखिर में आप का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं मोहतरम साहब का भी कि उन्होंने मौका दिया एक छोटी सी प्रेजेंटेशन देने का और मैं इसके साथ इजाजत चाहता हूं दुआओं में याद रखें इंशाल्लाह सलाम वालेकुम जो असल आज तो ऐसे स्टार्ट था कि
मजलिस सेहत जमात को स्पोर्ट्स इवेंट पेश किया करेंगे तो असल तो उसका ही फायदा होगा आज की हमारी आखरी प्रेजेंटेशन है वो चूंकि हमारे लोगों में भी शुगर डायबिटीज बहुत होता है फिर रमजान है और इसके मुतालिक जो भी गाइडलाइन है तो मैं दरखास्त करूंगा मुकर्रम डॉक्टर
हनुमान बाजवा साहब से कि वह अपनी प्रेजेंटेशन का आगा अलाम सकम जी प्र शेर मैंने की ई है अगर जी तो मेरी प्र जै साब ने बताया है डायबिटी के बारे में शगर के मसले के बारे में आजकल इस शुगर जो की बीमारी जो है व इस
जमाने की बीमारी खलाई जाती के साथ तो डायबिटीज के बारे में छोटी सी शॉर्ट प्रेजेंटेशन है दो तरह की डायबिटी होती है डायबिटीज वन एंड टू वन जो है मोस्ट यंग एज में आपको प्र आ रही है स्लाइड चट टी न जो है व मोस्टली यंग जज में लोगों
को हो जाती है डायटी ट मोस्टली जो होती है वो एल्डर ब लेट आती है जिगर इसके अंदर एक डाय में एक स्पेशल कैटेगरी ल डायबिटीज के जब प्रेगनेंसी के दौरान डायबिटीज जिन लेडीज को जाती है उनको वो नोट करना लाजमी होता है आपको पता हो जब बेल्जियम में प्रेग प्रेगनेट होते हैं
तो दूसरे ट्राइमर में तीसरे ट्रेस्टर में आ टेस्ट होता है वो लाजमी इसलिए होता है क्योंकि अगर डायबिटीज है तो उसको ट्रीट करना लाजमी होता है उसके बाद उसका एक और रीजन यह भी है कि अगर वो हो जाता है इसका मतलब ये भी होता है कि फ्यूचर में इन लेडीज को
डायबिटीज टू होने के चांसेस ज्यादा है डायबिटीज वन जो है 10 से % डायबिटीज डायबिटीज पेशेंट जो है डायबिटीज वन के शिकार होते हैं बाकी जतर डायबिटीज टू में होते हैं मोस्टली जैसे कि मैंने कहा यंग एज में हो जाती 10 से 14 साल उम्र जो है वो
साइंटिफिकली रिसर्च में पाई 10 साल की उम्र में ज्यादा स्टार्ट हो जाती है को जो है जेनेटिक कोज मेनली जो सबसे बड़ा कोज है जेनेटिक उसके बाद न कॉज उसके साथ है डिफरेंट जी एक सेकंड मैं दोबारा फ शेयर करता हूं ज फुल स्क्रीन कर शेरिंग लाइड जा रही अब ठीक
है जी डायबिटीज टू जो है फिर मेन जो प्रशन होगी वो डायबिटी ट के बारे में होगी क्योंकि इसका सेहत के साथ और बड़ा तालुक है डायटी वन के पेशेंट को भी जो एक्स ग लाजमी है म डायबिटी टू के लिए और ज्यादा इपोर्ट आ जाती हैट में रिलेटेड टू रिड्यूस अ इंसुलिन
सेक्रेशन के आपका जो पैंक्रियास है वह इंसुलिन पैदा करता है आपकी शुगर को कम करने के लिए और डायबिटीज टू के पेशेंट के अंदर वो जो इंसुलिन है वो कम हो जाती है दूसरा जो मेन मसला आता है वो इंसुलिन से रेजिस्टेंट कर रेजिस्टेंस पैदा होती है
मतलब आपके जो सेल है वो इंसुलिन उसके ऊपर इफेक्ट नहीं करती तो वो फिर शुगर काम अ करना मुश्किल हो जाता है तो पैंक्रियास को इंसुलिन बढ़ानी पड़ती है एक लेवल इतना आ जाता है कि पैंक्रियास जो है फॉलो नहीं कर पाता वो रेजिस्ट इतनी ज्यादा होती है कि
पक ज्यादा नहीं बढ़ सकता उस वक्त डायबिटी टू स्टार्ट हो जाती है मोस्टली जो है लोगों को क्योंकि य आस्ता स्टार्ट होती है तो इसका डायग्नोज लेट होता है और काफी सारे पेशेंट है जिनको जब डायग्नो करते हैं और ऑलरेडी कॉम्प्लिकेशन हो गई होती है वैस्कुलर कॉम्प्लिकेशन कम नेज
कॉम्प्लिकेशन तो इसलिए इसका डायग्नो चक लेट होता है तो काफी लोगों के मसले होते हैं ये जैसे कि मैंने कहा डायबिटीज वन से ज्यादा फ्रीक्वेंसी [संगीत] बड़ा फैक्टर है वो जेनेटिक है और दूसरा बड़ा फैक्टर है ओबेसिटी मोटापा जो है मासरे में बढ़ते से
बहुत बढ़ रहा है इसत और यह मेन रीजन है डायबिटीज टू डिक्लेयर करने होने का पहला रीजन जेनेटिक क्योंकि जो लोग जेनेटिकली इतने स्ट्रंग नहीं होते कि उनका पैंक्रियास इंसुलिन रेस्ट को काउंटर कर सके वो डायबिटीज टू के शिकार होंगे दूसरा जो ओबेसिटी है वो इंसुलिन रेजिस्टेंट
बढ़ाती है तो आपके जो सेल है वो इंसुलिन को यूज नहीं कर पाते तो फिर वो डायबिटीज बढ़ती है और वो शुगर को रिड्यूस नहीं कर पाते तो यह वही स्लाइड है जो आगे जो स्लाइड ही रिम कर रहा है रिटन में ओबेसिटी की बात की जाए तो ओएमएस ने
कुछ साल पहले एक आर्टिकल निकाला था और जिसके अंदर वो बता रहे थे कि ओबेसिटी जो है वो आने वाले सालों में बढ़ती जा रही है 1997 में देखें 11 और उसके बाद 151 12 21 वर्ल्ड वाइड पर मिलियन पेशेंट ओबेसिटी ओबेसिटी की वजह से डायबिटीज में जा रहे
हैं इसको कंट्रोल कैसे करना फर्स्ट थिंग इज रिड्यूस योर ओवरवेट ओबेसिटी को काम करें उसके बाद जो पेशेंट अगर ओबेसिटी कम करने के बाद भी नहीं कर पा रहे या फिर काम करने के बाद नहीं ट्रीटमेंट में आ रहे तो उनके लिए फिर
दवाई जो है दी जाती है और उनको यह भी कहा जाता है कि अपने रिस्क फैक्टर है उन्ह काम कीजिए मतलब हाइपर जो जिनका ब्लड प्रेशर की बीमारी है या फिर कोलेस्ट्रोल की बीमारी है उसको कंट्रोल करें वेट काम कैसे करना मेनली आपकी जो जैसे कि
हामिद साहब ने बताया अपनी जो लाइफ स्टाइल है उससे बेहतर करें डाइट सही करें अपनी एक्सरसाइज को बढ़ाए कुछ रिकमेंड तो नहीं करनी चाहि कुछ ऐसी दवाई जिसको आप जिससे आप अपना वेट कम कर सकते हैं जिससे भूख कम लगती है उसके बाद सर्जिकल प्रोसीजर भी है जिससे आपको
इंटेक कम हो जाती है तो वेट कम हो सकता है यह इंपोर्टेंट स्लाइड नहीं इसर इसके अंदर यही है कि सर्जरी जो है एक ऑप्शन है एट द एंड ऑफ द डे अगर आपका वेट काम नहीं हो रहा तो सर्जरी से काम किया जा सकता
है के अंदर आपको अपनी कैलोरीज जो इंटेक है वो कम करें शुगर को कम करें लिपिड का काम करें स्लाइड क्य प्रोफेसर से लिया ने अकोल अल्कोहल इ बिग रीजन फॉर ट और एक्सरसाइज के बारे में जो हेल्थ स्पेशलिस्ट कहते हैं वो कहते हैं आपकी कम
से कम 30 मिनट की एक्सरसाइज हो इंटेंसिटी ी से सिक्स हो इंटेंसिटी अगर आप इंटरनेट पर जाक देखें तो मैथ जो है वो इंटेंस काउंट करने का एक जरिया होता है और ्र से सि में आ जाता है साइकल लाना सीरिया चढ़ना देर तक चलना ये चीज में
आती है और कम से कम हफ्ते में तीन कम से कम तीन दफा होनी चाहिए एक्सरसाइज इन कुछ मेथ के साथ आप अपनी अपना वेट कम कर सकते और डायबिटीज से आपकी डायबिटीज का जो बीमारी है वो कम हो सकती है जजाकल्लाह अच्छा जी जजाक ला ज डॉक्टर साहब ये प्रेजेंटेशन के
लिए मैं इसमें सिर्फ यह कहूंगा कि हमारे अहबाब को बेबी चकि डायबिटीज काफी है और अभी रमजान भी आया है तो इस हवाले से भी बड़ा देखने की जरूरत है कि बाज लोग के ऊपर डायबिटीज के होते हुए भी रमजान का अच्छा असर हो सकता है उनको पता नहीं होता
और बाज लोगों की डायबिटीज काफी खराब हो गई होती है और व रोजे रख रहे होते हैं और उसके मुजर असरात होते हैं तो अल्लाह ताला ने तो कुराने करीम में ही फरमाया कि जब तुम बीमार हो तो रोजा ना रखो और इसलिए हर एक की अपनी सिचुएशन अलग
होती है मुनासिब यही है कि अपने डॉक्टर से और डायबिटोलॉजी होता है उससे मशवरा करें और फिर उसकी बुनियाद पर फैसला करें कि मैं सारे उ रख सकता हूं या मैं आध रख सकता हूं या मैं हफ्ते में दो रख सकता हूं या मैं बिल्कुल नहीं रख सकता तो उससे आपको ठीक
आईडिया होगा कि यह रमजान मेरे लिए रमजान की जो बाकी इबादत है उसमें भरपूर शामिल हो सकते हैं और जो आखरी बात वो यह है कि इस जो वेबीनार है इससे हमारा मकसद ये भी था कि लोगों को एक तवज्जो लाई जाए कि कुछ ना कुछ वक्त अपनी सेहत के बारे में भी
तवज्जो करें और सेहत जिस्मानी भी होती है जहनी भी है और रूहानी भी है और ब असल में तो सेहत एक बैलेंस का नाम है इस सारी कंडीशंस की जिस्मानी तौर पर भी एक बैलेंस कंडीशन में हो उसकी खुराक भी बैलेंस हो उसकी नींद भी बैलेंस में हो जैसे अने जिक्र सुनया और
एक्सरसाइज बैलेंस में हो और इसी तरह जो जनी और रूहानी हालत है उसको भी इंसान जिस हद तक मुमकिन हो मनफी जो एटीट्यूड है और मनफी जो बातें हैं उनसे बचे ताकि स्ट्रेस वगैरा का शिकार ना हो तो अगर यह सारी चीज महिया हो तो एक बैलेंस जिंदगी मिल सकती है
जिसमें मोमन खुद भी उसका फायदा उठा सकता है और अपनी जिंदगी के मकास भी हासिल कर सकता है तो जजाकल्लाह आप सब लोग जो सुन रहे थे इंशाल्लाह हम उम्मीद करते हैं कि मदरसे से आगे जमात के लिए स्पोर्टिंग इवेंट्स प्रपोज करेगी और मेरी दरखास्त है
कि यह पूरी जमात के लिए इसमें सारे भरपूर शामल हो तो हम आखिर में दुआ कर लेते हैं कि अल्ला ताला सबको अच्छी सेहत अता करे और जो बीमार है उनको भी अल्लाह ताला सेहत दे ताकि व पू तरीके से ए मोमन अपने जो भी इबादत है
दूसरी जिम्मेदारियां अदा कर सके हैं दुआ कर ले आमीन हम शुक्र गुजार है शभ समी बसरी सेक सा समी मसरी ज सबब उनकी टीम जिन्होंने आज सुबह कभी जो प्रोग्राम था ऑनलाइन उसने की रात का और यह प्रोग्राम भी ऑर्गना किया सारे इंजमा की अला ताला उनको भीता करेला वालेक ला बरका